Aupcharik Patra in Hindi | औपचारिक पत्र लेखन

Aupcharik Patra in Hindi

यहाँ इस लेख में आपको औपचारिक पत्रलेखन के कुछ उदारण उपलब्ध कराएँगे। बहुत सारे छात्रो को परीक्षा के दौरान Aupcharik Patra in Hindi लिखने को मिलता है। बहुत सारे छात्रो को Aupcharik Patra के बारे में सही तरह से जानकारी नहीं होता है।

इसलिए आज इस पोस्ट में अनौपचारिक पत्र लेखन के कुछ नमूने लिखे जो परीक्षाओ, पढाई के दौरान अक्सर लिखने को मिलते है।

औपचारिक पत्र क्या है?

जिस पत्र को हम सरकारी या प्राइवेट अधिकारियों या कार्यालय तक अपनी बात पहुंचाने, शिकायत करने, प्रार्थना या (मैडम, प्रिंसिपल के लिए, कॉलेज में अपने प्रोफेसर या डीन के लिए, नौकरी के लिए) आवेदन करने के लिए करते हैं।

उसे औपचारिक पत्र कहाँ जाता है, आज के समय में इमेल से लोग ज्यादा सन्देश भेजना पसंद करते है लेकिन औपचारिक पत्र का प्रभाव इमेल से ज्यदा प्रभाव होता है।

औपचारिक पत्र के भेद

जैसा की हमने पहले ही बताया था औपचारिक पत्र अपने स्कूल में अपनी मैडम, प्रिंसिपल के लिए, कॉलेज में अपने प्रोफेसर या डीन के लिए, नौकरी के लिए के लिए लिखा जाता है इसके अनेको प्रकार है जिसका नाम निम्नलिखित है।

  1. प्रार्थना पत्र 
  2. कार्यालयी पत्र
  3. व्यवसायिक पत्र

1. निःशुल्कता प्राप्ति हेतु महाविद्यालय/विद्यालय के प्रधानाचार्य प्रधानाध्यापक को एक आवेदन-पत्र

सेवा में,
प्रधानाध्यापिका,
रघुनाथ बालिका उच्च विद्यालय, पटना

विषय : निःशुल्कता प्राप्ति हेतु आवेदन।

महोदया,

सविनय निवेदन है कि मैं आपके विद्यालय में 10वीं कक्षा की छात्रा हूँ। मैं आर्थिक दृष्टि से अत्यंत पिछड़े हुए परिवार की सदस्या हूँ। छह सदस्यों वाले परिवार की आय का एकमात्र स्रोत मेरे पिताजी की अल्प आय ही है। फलस्वरूप इस बड़े परिवार की आवश्यक आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए यह आय अपर्याप्त है। ऐसी स्थिति में मेरी पढ़ाई का खर्च एक अतिरिक्त भार हो गया है।

मैंने अभी तक सभी परीक्षाओं में अच्छे अंक प्राप्त किए हैं। कई बार मैंने वाद-विवाद प्रतियोगिताओं में पुरस्कार भी जीता है। मैं अपनी पढ़ाई जारी रखकर उच्च शिक्षा प्राप्त करना चाहती हूँ।

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अतएव, आपसे प्रार्थना है कि विद्यालय की ओर से मुझे निःशुल्क शिक्षा प्रदान करने की कृपा की जाए। इसके लिए मैं आपकी आभारी रहूंगी।

आपकी आज्ञाकारिणी छात्रा
तिथि
नेहा रंजन
कक्षा-10वीं, खंड-ब, क्रमांक-25

2. प्रधानाध्यापक को छुट्टी के लिए आवेदन-पत्र

सेवा में,
प्रधानाध्यापक महोदय,
मध्य विद्यालय, डुमरिया हाट। महाशय,

सविनय निवेदन है कि मेरे घर पर चाचाजी की शादी अगले सप्ताह होनेवाली है। अतः इस समारोह में शामिल होने के लिए मुझे भी वहाँ जाना है। इस कारण, में असमर्थ हूँ दिनांक से तक मैं विद्यालय आने

अतः श्रीमान् से प्रार्थना है कि मुझे उपर्युक्त अवधि की छुट्टी देने की कृपा की जाए। इस असीम कृपा के लिए मैं सदा श्रीमान् की आभारी रहूंगी।

आपकी आज्ञाकारिणी छात्रा,
सुप्रिया नंदा
वर्ग-अष्टम् ‘स’, क्रमांक- 48

* तिथि …….

3. अपने क्षेत्र में कानून-व्यवस्था की बिगड़ती स्थिति पर दैनिक समाचार-पत्र के संपादक को पत्र

सेवा में,
संपादक महोदय,
प्रभात खबर, पटना।

महाशय,

आपके समाचार-पत्र के माध्यम से प्रशासन का ध्यान इस क्षेत्र की बिगड़ती कानून-व्यवस्था की ओर आकृष्ट करना चाहता हूँ। आए दिन हमारे क्षेत्र में आपराधिक घटनाओं में लगातार वृद्धि हो रही है। चोरी, अपहरण और लूट तो आम बात है। अब तो दिनदहाड़े लोगों की हत्या तक कर दी जा रही है। ज्यादातर घटनाएँ पुलिस की जानकारी में हैं, परंतु पुलिस अकर्मण्य बनी हुई है। प्रशासन की निष्क्रियता के कारण अपराधियों का मनोबल बढ़ गया है। इस क्षेत्र के नागरिक इन समस्याओं से त्रस्त है।

अतएव, आपसे निवेदन है कि अपने माध्यम से जिला प्रशासन को हमारी उक्त समस्याओं से अवगत कराकर इनका निदान कराने की कृपा करें। इसके लिए इस क्षेत्र के सभी नागरिक आपके आभारी होंगे।

सधन्यवाद !

भवदीय
एक प्रबुद्ध नागरिक
मो./गाँव……….
जिला………

तिथि ………

4. बिजली की कमी दूर करने के लिए राज्य के विद्युत् एवं ऊर्जा मंत्री को एक पत्र

सेवा में,
माननीय विद्युत् एवं ऊर्जा मंत्री, बिहार सरकार, पटना ।

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विषय : बिजली की कमी दूर करने हेतु ।

मान्यवर,

मैं पूर्वी चंपारण जिले के ग्रामीण क्षेत्र का निवासी हूँ। इस क्षेत्र में बिजली की आपूर्ति अपर्याप्त है। सप्ताह में मात्र दो-तीन दिनों तक ही बिजली मिलती है। फलस्वरूप लोगों की दिनचर्या बाधित रहती है। न कृषि का काम हो पाता है और न उद्योग-धंधे ही सुचारू रूप से चल पाते हैं। छात्रो को भी अपने अध्ययन एवं परीक्षा की तैयारियों में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।

अतएव, आप महानुभाव से निवेदन है इस जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में कम-से-कम ८ घंटे और नगरीय क्षेत्रों में १२ घंटे विद्युत् आपूर्ति की व्यवस्था की जाए, ताकि इस क्षेत्र के लोगों की परेशानियाँ दूर हो सके। आशा है,

इस निवेदन पर ध्यान देते हुए विद्युत् आपूर्ति की समुचित व्यवस्था हेतु संबंधित अधिकारियों को दिशा-निर्देश देने की कृपा करेंगे।

सधन्यवाद !

भवदीय
अंकित राज
पकड़ीदयाल, मोतिहारी,
पूर्वी चंपारण

दिनांक………

5. बाढ़ की समस्या से निजात के लिए मुख्यमंत्री का ध्यान आकृष्ट करने के लिए किसी दैनिक समाचार-पत्र के संपादक के नाम एक पत्र

सेवा में,
संपादक महोदय,
हिंदुस्तान, पटना

मान्यवर,

मैं आपके समचार पत्र के माध्यम से उत्तर बिहार के कुछ जिलों में प्रतिवर्ष आनेवाली बाढ़ से उत्पन्न समस्याओं की और बिहार के मुख्यमंत्री का ध्यान आकृष्ट करना चाहता हूँ।

उत्तर बिहार के कुछ जिलों से होकर कई छोटी-बड़ी नदियाँ बहती है। इनमें कोसी, कमला, बलान, करेह, खिरोई एवं बुदनद आदि नदिया प्रमुख हैं। ये नदियाँ बहुत उथली हैं और थोड़ा पानी पाकर भी उपला जाती है। प्रतिवर्ष जन-धन की अपार क्षति होती है। फसले बरबाद हो जाती है। अधिक समय तक जल जमाव की स्थिति से सड़ांध उत्पन्न हो जाती है, फलस्वरूप महामारियाँ फैल जाती है। सीतामढ़ी, दरभंगा, मधुबनी, सहरसा, सुपौल, पूर्णिया एवं कटिहार जिले सर्वाधिक बाद प्रभावित क्षेत्र है। इन जिलों को अकाल का भी सामना करना पड़ता है।

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अतएव, आपके सजग पत्र के माध्यम से सरकार एवं विशेषतः मुख्यमंत्री का ध्यानाकर्षण करते हुए इस आपदा से उत्पन्न गंभीर समस्याओं के सामधान हेतु राहत कार्यों की यथाशीघ्र व्यवस्था को आशा करता है।

सधन्यवाद !

भवदीय,
निखिल आनंद
राधोपुर, सुपौल

दिनांक………

6. नगरपालिका अध्यक्ष को मुहल्ले की सफाई से संबंधित पत्र

सेवा में.
अध्यक्ष महोदय,
नगरपालिका, दलसिंगसराय।

विषय : मुहल्ले की सफाई के संबंध में।

मैं इस पत्र द्वारा वार्ड न. 8 में फैली गंदगी से आपको अवगत कराना चाहता हूँ। हमारे वार्ड के लोग कूड़े-कचरों और मरे हुए जानवरों की दुर्गंध से परेशान हैं, लेकिन इस ओर ध्यान देनेवाला कोई नहीं है। ऐसी स्थिति में यहाँ महामारी फैलने की आशंका है।

अतः आपसे अनुरोध कि जल्द-से-जल्द इस वार्ड की सफाई की व्यवस्था कर वार्ड के निवासियों को राहत दिलाने की कृपा करें।

विश्वासभाजन
संतोष सिंह
वार्ड न. 8

तिथि……

7. पुस्तक, पत्र-पत्रिकादि मँगाने के लिए प्रकाशक के नाम आदेश-पत्र।

सेवा में,
प्रकाशक महोदय,
गुड-मैन प्रकाशन, पटना ।

विषय : पुस्तकें भेजने के संबंध में ।

महाशय,

मेरे आसपास पुस्तकों की कई दुकानें हैं, परंतु इन दुकानों में अधिक माँग होने के कारण आपके प्रकाशन की पुस्तकें जल्द बिक जाती है। दुकानदारों को मेरे हित की चिंता नहीं है। मैं दस दिनों से व्याकरण की किताबें खरीदना चाह रहा हूँ, लेकिन ये मुझे नहीं मिल रही हैं।

अतः आपसे अनुरोध है कि ‘सहज हिन्दी व्याकरण और रचना’ का ‘प्रारंभिक’, ‘जूनियर’ एवं ‘हाईस्कूल’ संस्करण तथा ‘ऑक्सफोर्ड करंट इंगलिश ग्रामर’ की एक-एक प्रति वी. पी. पी. द्वारा भेजने की कृपा करें।

विश्वासभाजन
ललन प्रसाद
टावर चौक, दरभंगा

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